१० साल पहले की बात है, जब हम २० के थे
जवानी चरम पर थी, और दुनिया अपने कदमों तले लगती थी
हमेशा ताव में रहने की आदत थी, जोष में होश खो बैठते थे
जेबें खाली थी, पर हमारे दिल अरमानों से भरे थे
हिमाकत को ईश्क समझ बैठते थे, फिर कई दर्दे दिल बेहाल हो जाते थे
कई हसिन लम्हों का अषरा बिता, और हम बड़े हो गए
अच्छे बुरे तजुर्बों ने हमें जिना सिखा दिया